Ahoi Ashtami || अहोई आठें अष्टमी व्रत पूजा उजमन विधि

कार्तिक लगते ही Ahoi Ashtami पूजा व्रत का विधान है जो इस व्रत को वे स्त्रियाँ ही करती हैं। पूजा के लिए क्या-क्या करती कौन-सी विधि है कैसे करते हैं इस आर्टिकल में आप जानने वाले हैं चलिए जानते हैं Ahoi Ashtami अहोई आठें अष्टमी व्रत पूजा उजमन विधि। Happy Ahoi Ashtami 2022

Happy Ahoi Ashtami
Happy Ahoi Ashtami

अहोई आठें अष्टमी व्रत विधिः

यह Ahoi Ashtami व्रत कार्तिक लगते ही अष्टमी को किया जाता है। जिस वार को दीपावली होती है, अहोई आठें भी उसी वार की पड़ती है। इस व्रत को वे स्त्रियाँ ही करती हैं जिनके सन्तान होती है। बच्चों की माँ दिन भर व्रत रखे। सांयकाल दीवार पर अष्ट कोष्ठक की अहोई की पुतली रंग भर कर बनाएँ।

उस पुतली के पास सेई (स्याऊ) तथा सेई के बच्चों का चित्र भी बनायें या छपी हुई अहोई अष्टमी का चित्र मंगवाकर दीवार पर लगाएँ तथा उसका पूजन कर सूर्यास्त के बाद अर्थात् तारे निकलने पर अहोई माता की पूजा करने से पहले पृथ्वी को पवित्र करके चौक पूर कर एक लोटा जल भरकर एक पटरे पर कलश की भाँति रखकर पूजा करें। अहोई माता (Ahoi Mata) का पूजन करके माताएँ कहानी सुनें।

Ahoi Mata का पूजन

पूजा के लिए माताएँ पहले से एक चाँदी की अहोई बनायें जिसे स्याऊ कहते हैं और उसमें चाँदी के दो दाने (मोती डलवा लें) जिस प्रकार गले में पहनने के हार पैंडिल लगा होता है उसी की भाँति चाँदी की अहोई ढलवा लें और डोरे में चाँदी के दाने डलवा लें। फिर अहोई की रोली, चावल, दूध व भात से पूजा करें।

जल से भरे लोटे पर सतिया बना लें। एक कटोरी में हलवा तथा रुपए बायना निकाल कर रख लें और सात दाने गेहूँ के लेकर कहानी सुने। कहानी सुनने के बाद अहोई स्याऊ की माला गले में पहन ले। जो बायना निकालकर रखा था, उसे सासू जी के पांव लगकर आदर पूर्वक उन्हें दे देवें।

इसके बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर स्वयं भोजन करे। दीवाली (Diwali) के बाद किसी शुभ दिन अहोई को गले से उतार कर उसका गुड़ से भोग लगाए और जल के छीटे देकर मस्तक झुकाकर रख दें। जितने बेटे है उतनी बार तथा जिन बेटों का विवाह हो गया हो उतनी बार चाँदी के दो-दो अहोई में डालती जाए। ऐसा करने से अहोई माता (Ahoi Mata) प्रसन्न हो बच्चों की दीर्घायु करके घर में नित नये मंगल करती रहती हैं। इस दिन पंडितों को पेठा दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

अहोई का उजमनः

जिस स्त्री को बेटा हुआ हो अथवा बेटे का विवाह हुआ हो तो उसे Ahoi Mata का उजमन करना चाहिए। एक थाली में सात जगह चार-चार पूड़ियाँ रखकर उन पर थोड़ा-थोड़ा हलवा रखें इसके साथ ही एक तीयल साड़ी ब्जाउज उस पर सामर्थ्यानुसार रुपये रखकर थाली के चारों ओर हाथ फेरकर श्रद्धापूर्वक सासूजी के पाँव लगकर वह सभी सामान सासूजी को दे देवे। तीयल तथा रुपये सासूजी अपने पास रख लें तथा हलवा पूरी का बायना बांट दें बहन बेटी की हमें बना भोजन चाहिए. इस प्रकार से आप Ahoi Ashtami व्रत कर सकते हैं।

तिथि 2022: अहोई अष्टमी पूजा 17 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार कार्तिक कृष्ण 7 को है.

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