Surya Shashti व्रत कथा और महत्त्व क्या है? सूर्य षष्ठी कब और कैसे मनाई जाती है? इस व्रत कथा का महत्त्व क्या है, surya shashti vrat story in hindi क्या है चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं सूर्य षष्ठी Vrat कथा 2022 के अंतर्गत,
सूर्य षष्ठी व्रत (Surya Shashti Vrat)
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी का व्रत करने का विधान है। इसे करने वाली स्त्रियाँ धनधान्य, पति पुत्र तथा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहती हैं। यह व्रत बड़े नियम तथा निष्ठा से किया जाता है। इसमें तीन दिन के कठोर उपवास का विधान है।
इस Vrat को करने वाली स्त्रियों को पंचमी को एक बार नमक रहित भोजन करना पड़ता है। Shashti को निर्जल रहकर व्रत करना पड़ता है। षष्ठी को अस्त होते हुए सूर्य को विधिपूर्वक पूजा करके अर्घ्य देते हैं। सप्तमी के दिन प्रातःकाल नदी या तालाब पर जाकर स्नान करती हैं। सूर्योदय होते ही अर्घ्य देकर जल ग्रहण करके व्रत को खोलती हैं।
Surya Shashti को भारत में प्रतिवर्ष गंगा-यमुना के तटवासी आर्य संस्कृति का प्रतीक महान पर्व सूर्य षष्ठी (छठ पर्व) अत्यंत धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन वे अस्ताचल भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। तथा कार्तिक शुक्ल सप्तमी को उदीयमान प्रत्यक्ष देव Bhagvaan आदित्य को अर्घ्य देकर पूजन, अर्चन करते हुए अपनी और अपने परिवार और देश की खुशहाली की कामना करते हैं।
Surya Shashti Vrat katha (सूर्य षष्ठी व्रत कथा)
प्राचीन काल में बिन्दुसार तीर्थ में एक महीपाल नाम वणिक रहता था। वह धर्म कर्म तथा देवता विरोधी था। एक बार उसने सूर्य भगवान (Sury Bhagvaan) की प्रतिमा के सामने मल-मूत्र का त्याग किया। परिणाम स्वरूप उसकी आँखों की ज्योति जाती रही।
इसके बाद वह अपने जीवन से ऊब कर गंगाजी (Ganga Ji) में डूबकर मर जाने को चल दिया। रास्ते में उसकी भेंट महर्षि नारदजी से हो गई। नारदजी उससे पूछने लगे महाशय जल्दी-जल्दी किधर जा रहे हो। महीपाल रोते-रोते बोला मेरा जीवन दूभर हो गया है। मैं अपनी जान देने हेतु गंगा में कूदने जा रहा हूँ।
मुनि बोले मूर्ख प्राणी तेरी यह दशा भगवान सूर्य देव (Surya Dev) के कारण हुई है। इसलिए कार्तिक मास की सूर्यषष्ठी का व्रत रख। तेरे सब कष्ट दूर हो जायेंगे। ‘ वणिक ने ऐसा किया तथा सुख समृद्धि पूर्ण दिव्य ज्योति प्राप्त कर स्वर्ग का अधिकारी बन गया। Happy Festival Surya Shashti Vrat 2022,
Surya Shashti Vrat 2022 Date: सूर्य षष्ठी, विनायक चतुर्थी व्रत, कार्तिक शुक्ल 3, 28 / 10 / 2022 दिन शुक्रवार
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