भाई दूज का महत्त्व। । Bhaiya Dooj in hindi

Happy Festival Bhai Dooj: Bhaiya Dooj in hindi जानकारी के साथ, भाई दूज क्या कहलाता है? भाई दूज का महत्त्व क्या है? इस त्यौहार को मनाने का असली रीजन क्या है, इस Bhaiya Dooj की कहानी आप इस आर्टिकल के माध्यम से पढ़ने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं भाई दूज इन हिन्दी महत्त्वपूर्ण जानकारी।

Bhaiya Dooj in hindi
Bhaiya Dooj in hindi

Bhaiya Dooj in hindi जानकारी

हिन्दू समाज में भाई बहन (Bhai Bahen) की अमर प्रेम के दो त्यौहार आते हैं। एक Raksha Bandhan जो श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। जिसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है। दूसरा भाई दूज का त्यौहार आता है। जिसमें बहन भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती है।

Bhaiya Dooj का त्यौहार कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है। इस दिन बहनें (Sister) बेरी पूजन भी करती हैं। इस दिन बहन भाइयों को तेल मलकर गंगा-यमुना में स्नान करना चाहिए। यदि यह सम्भव न हो तो बहन के घर जाकर नहाना चाहिए। बहन भाई (Brother-Sister) को भोजन कराकर तिलक लगाकर गोला देती है। इस दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्त्व है।

भ्रातृ द्वितीया (Bhaiya Dooj) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व (Festival) है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दीपावली (Diwali Ke Vaad) के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई (Bhahne Bhai) की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।

Bhaiya Dooj Katha (भाई दूज कहानी)

भाई दूज कथा (bhai dooj story) : Bhagvaan सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था। उसकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ। यमुना (Yamna Nadhi) अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि वह उसके घर आकर भोजन करे। लेकिन यमराज (Yamraj) अपने काम में व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को Yamna ने अपने भाई यमराज (Yamraj) को भोजन करने के लिए बुलाया।

Sister के घर आते समय यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। Brother को देखते ही यमुना ने हर्ष-विभोर होकर भाई का स्वागत-सत्कार किया तथा भोजन करवाया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन (Bahin) से वर माँगने को कहा। बहन ने भाई से कहा, “आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहाँ भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका (Bhai Ko Tika) करके भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे।”

यमराज (Yamraj) तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमपुरी को चले गये। ऐसी मान्यता है कि जो Bhai आज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं उन्हें यम का भय नहीं रहता। इस प्रकार से भाई दूज की कहानी की मान्यता है।

Bhaiya Dooj kab hai: भाई दूज की (bhai dooj date) मान्यता अनुसार दिवाली के 2 दिन बाद, भाई दूज का महोत्सव मनाया जाता है जो कि 2022 में बुधवार, 26 अक्तूबर को है।

Read More: Govardhan Parvat अन्नकूट या गोवर्धन पूजा व्रत कथा। Govardhan Puja 2022

Leave a Comment