Nakshatr In Hindi

Nakshatr In Hindi- नक्षत्र क्या है और कितने प्रकार | नक्षत्र लिस्ट

Nakshatr

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको नक्षत्र (Nakshatr) के बारे में बताने वाले हैं. क्या है? कितने प्रकार के होते हैं? नक्षत्र लिस्ट इस nakshatra in hindi ब्लॉग कंटेंट में आप पढ़ने वाले हैं| चलिए जानते हैं इसके अलावा आगे हम अलग-अलग नक्षत्र के बारे में भी चर्चा करेंगे |

Nakshatr In Hindi

Nakshatra in hindi- नक्षत्रों के बारे में

नक्षत्र क्या है? (Nakshatr Kya hai)

नक्षत्र (Nakshatra) का अर्थ है — “आकाश में स्थिर तारे या तारामंडल”।

हिंदू ज्योतिष के अनुसार, जब चंद्रमा (Moon) अपनी परिक्रमा पृथ्वी के चारों ओर करता है, तो वह आकाश के एक निश्चित भाग से गुजरता है।
आकाश को 27 समान भागों में बाँटा गया है — इन्हीं भागों को नक्षत्र कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में —

नक्षत्र = चंद्रमा की गति को मापने के लिए आकाश का एक भाग।
प्रत्येक नक्षत्र लगभग 13° 20′ (डिग्री) के अंतराल में फैला होता है।

नक्षत्रों की संख्या कितनी है? 🌓

वैदिक ज्योतिष में कुल 27 प्रमुख नक्षत्र माने गए हैं।

(कभी-कभी एक 28वां asterism “अभिजीत (Abhijit Nakshatra)” भी माना जाता है।)

27 नक्षत्रों की सूची और उनके अधिपति देवता

क्रमनक्षत्र का नामअधिपति ग्रहअधिदेवता
1अश्विनी (Ashwini)केतुअश्विनी कुमार
2भरणी (Bharani)शुक्रयम
3कृत्तिका (Krittika)सूर्यअग्नि
4रोहिणी (Rohini)चंद्रब्रह्मा
5मृगशिरा (Mrigashira)मंगलसोम
6आर्द्रा (Ardra)राहुरुद्र
7पुनर्वसु (Punarvasu)गुरुअदिति
8पुष्य (Pushya)शनिबृहस्पति
9आश्लेषा (Ashlesha)बुधनाग
10मघा (Magha)केतुपितर
11पूर्वा फाल्गुनी (Purva Phalguni)शुक्रभग
12उत्तरा फाल्गुनी (Uttara Phalguni)सूर्यआर्य
13हस्त (Hasta)चंद्रआदित्य
14चित्रा (Chitra)मंगलविश्वकर्मा
15स्वाति (Swati)राहुवायु
16विशाखा (Vishakha)गुरुइंद्र-अग्नि
17अनूराधा (Anuradha)शनिमित्र
18ज्येष्ठा (Jyeshtha)बुधइंद्र
19मूल (Moola)केतुनिरृति
20पूर्वाषाढ़ा (Purvashada)शुक्रआप: (जल देवता)
21उत्तराषाढ़ा (Uttarashada)सूर्यविश्वदेव
22श्रवण (Shravana)चंद्रविष्णु
23धनिष्ठा (Dhanishta)मंगलआठ वसु
24शतभिषा (Shatabhisha)राहुवरुण
25पूर्व भाद्रपदा (Purva Bhadrapada)गुरुअज एकपाद
26उत्तर भाद्रपदा (Uttara Bhadrapada)शनिअहिर्बुध्न्य
27रेवती (Revati)बुधपूषन

28वां नक्षत्र (वैकल्पिक):

नामअधिपति ग्रहअधिदेवता
अभिजीत (Abhijit)सूर्यब्रह्मा / विष्णु

नक्षत्रों का महत्व

जन्म नक्षत्र से व्यक्ति का स्वभाव, भाग्य, और जीवन पथ तय होता है।

विवाह, मुहूर्त, गृहप्रवेश, और अन्य शुभ कार्यों में नक्षत्र की स्थिति देखी जाती है।

प्रत्येक नक्षत्र का एक स्वामी ग्रह (Lord Planet) होता है, जो जातक के जीवन पर प्रभाव डालता है।

ज्योतिष में “नक्षत्र चरण” यानी प्रत्येक asterism के 4 भाग होते हैं, जिससे लग्न कुंडली (Birth Chart) में सटीक गणना की जाती है।

संक्षेप में:

कुल नक्षत्र: 27 (या 28 अभिजीत सहित)

हर नक्षत्र का स्वामी ग्रह और देवता अलग है।

ये नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं और वैदिक ज्योतिष का महत्वपूर्ण भाग हैं।

निष्कर्ष:

दोस्तों अपने ऊपर दिए गए कंटेंट में Nakshatr List को जाना. आशा है आप नक्षत्र से परिचित हो गए होंगे, पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद| आगे हम और इन नक्षत्रों के बारे में विस्तार से बताएंगे . इस कंटेंट को शेयर करें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म par.

Read: चातुर्मास व्रत का महत्व

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *